आइये आशिको स्वागत है , आप अपनी अधूरी मोहबत के लिए गजल और शायरी की तलाश में है तो आप सही जगह आये है हम इस पे ज में लेकर आये है अधूरी मोहबत के लिए गजल हिंदी में – मोहब्बत जब अधूरी रह जाए तो दिल के जज़्बात और भी गहरे हो जाते हैं। अधूरी मोहब्बत की ग़ज़ल इंसान के उस दर्द को बयान करती है, जहाँ चाहत तो होती है लेकिन मुकम्मल नहीं हो पाती। “kHUDKIKALAM” पर आपको मिलेंगी बेहतरीन अधूरी मोहब्बत की ग़ज़लें, जो आपके दिल की आवाज़ को बयां करेंगी।
अधूरी मोहब्बत ग़ज़ल हिंदी
मोहब्बत जब अधूरी रह जाए तो दिल के जज़्बात और भी गहरे हो जाते हैं। अधूरी मोहब्बत की ग़ज़ल इंसान के उस दर्द को बयान करती है, जहाँ चाहत तो होती है लेकिन मुकम्मल नहीं हो पाती। “kHUDKIKALAM” पर आपको मिलेंगी बेहतरीन अधूरी मोहब्बत की ग़ज़लें, जो आपके दिल की आवाज़ को बयां करेंगी।
💔 अधूरी मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल
तेरी यादों से दिल को राहत मिलती है,
वरना ये ज़िंदगी तो हर पल सज़ा देती है।
हमने चाहा था तुझे अपनी आख़िरी साँस तक,
पर किस्मत ने हमें जुदाई का तोहफ़ा दिया।
अधूरी मोहब्बत का यही दस्तूर है,
मिल जाए अगर तो मोहब्बत कैसी?
adhuri mohabbat ki gazal
Adhuri mohabbat ki gazal दिल की उस हालत का आईना है जब चाह कर भी किसी को नहीं पाया जा सकता। यह ग़ज़लें आपको मोहब्बत की गहराई और दर्द दोनों का एहसास कराएँगी।
ना जाने क्यों वो अधूरी कहानी रह गई,
ज़िंदगी में चाह कर भी ना जुबानी रह गई।
हम तो आज भी तेरा इंतज़ार करते हैं,
तू है कि यादों में भी हमें तड़पाती है।
अधूरी मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल
अधूरी मोहब्बत का ग़म क्या बताएँ तुझसे,
हर लम्हा आँसुओं से भीगता है दिल।
मिलकर भी ना मिल पाए हम, यही अफ़साना रहा,
मोहब्बत का नाम लेकर दिल वीराना रहा।
10 अधूरी मोहब्बत ग़ज़ल
~~【{◆◆गहरी बात◆◆}]~~ ~~【{◆◆गहरी बात◆◆}】~~ दिल की गहरी बात से, डर लगता है अब रात से. करके मोहब्बत रो रहे हैं, बचना अच्छा इस करामात से। वक़्त की बर्बादी तय हो गयी, मत उलझो इश्क़ की जात से। नए दौर किसपे करें यकीन, दिल लगा तो लगे खेल रहे आग से। तन्हाइयों के मेले लग जाएंगे, मत गुजरना कभी तुम इस राह से। सच्चे दिल का कौन मिले अमन, हर कोई भीगा जिस्म की बरसात से। |
~~【{◆◆भूल◆◆}】~~ ~~【{◆◆भूल◆◆}】~~ नाजाने क्या भूल होगयी, किस्मत अपनी धूल होगयी, जो मोहब्बत थी फूलों सी, अब चुभती शूल होगयी… कांटों का ताज पहनकर, चुप बैठे गए हैं सब सहनकर, बेवफाई का दर रौशन करके, किसी और हाथ का फूल होगयी. नाजाने क्या भूल होगयी… क्या पता क्या हो जाता है, अपना ही रंग बदल जाता है, तोड़ किनारा कसमों का देखो, चाहत सारी फिजूल होगयी.. नाजाने क्या भूल होगयी.. क्या मर्यादा अमन मन की है, कुछ भूख पैसे की कुछ तन की है, अच्छी नही है इस दौर की यारी, रिश्तों की बगिया बबूल होगयी.. नाजाने क्या भूल होगयी… |
~~【{◆◆मैं क्यों◆◆}】~~ सबका बचपन जाग रहा है, हर कोई खुशियां बांट रहा है, पर मैं क्यों मनाऊं बाल दिवस, जंग में कोई बच्चों को काट रहा है. बारूद से बच्चे उड़ रहे हैं, इंसानियत से मुँह मुड़ रहे हैं, आदमखोर है आदम जाति, नफ़रत का पल नाग रहा है। मासूम मकानों में दब रहे हैं, हर तरफ बिखर उनके शब रहे हैं, गोली दागी जा रही पीठ पर, लाशों का दौड़ सैलाब रहा है। शैतानों की होगयी दुनिया सारी, नाजाने क्यों सारी शर्म उतारी, बहुते तो खुश इतनी हत्याओं पर, क्यों ज़मीर इनका बर्बाद रहा है। सियासत सरहद की भूख ने, खून बहाया बहुत इस लूट ने, इनको ना कोई उम्रों से लेना, कोई ना अमन इंसाफ रहा है। |
~~【{◆◆मेरे पास◆◆}】~~ ~~【{◆◆मेरे पास◆◆}】~~ चाँद के साये तेरा ख्याल बाकी है, बिखर गई मोहब्बत सवाल बाकी है. नाजाने क्या कशमकश थी दिलों में, आज भी बिखरने का मलाल बाकी है। तेरा मुड़कर ना आना चुभता है बहुत, नम आँखों में गहरा रंग लाल बाकी है। तेरी खाई कसमें जला रही तन्हाई में, जिंदगी में यादों का यही माल बाकी है। यूँ तो किसी चीज से लगाव ना अब मेरा, पर मेरे पास अमन तेरा दिया रुमाल बाकी है। |
~~【{◆◆मसला◆◆}】~~ ~~【{◆◆मसला◆◆}】~~ मसला बड़ा बेकार है, हर तरफ उलझा संसार है, किसी को मोहब्बत मालूम नही, जीना हो रहा दुस्वार है। वक़्त की चलती चक्की में, लोग रह रहे अकड़ पक्की में, नही खुशी दिखे किसी आँगन, ग्रह क्लेश में उलझा परिवार है। अकेले अकेले से सब जी रहे, खुदको खुद ही सब पी रहे, क्या किसी को बनाएं अपना, हर कोई हुआ बैठा लाचार है। जालसाजी के बिछे शिकंजे हैं, कुछ हाथ नही खूनी पंजे हैं, भूख है बस इन्हें जिस्म की सारी, क्यों इनमें हवस की हाहाकार है। क्या कितना समझाले तू, कितना भी आईना दिखा ले तू, यहाँ सबकी अपनी मर्जी अमन, ना मिटने वाला ये अंधकार है।। |
~~【{◆◆हम तो ◆◆}】~~ ~~【{◆◆हम तो◆◆}】~~ बन दर्द जो दिल में रहता है, नाजाने क्यों वो आज भी कुछ कहता है. हम तो खोए हैं तन्हाई के आँचल में, फिर क्यों चाँद आँखों के आगे बहता है। कुछ खुशियों के पल जो दिल ने जिये, अब तो उन्हीं पलों की तपस ये सहता है। दिल रेत का ढेर बन गया यादों में, कभी कोई लम्हा बनता है कभी ढहता है। कैसे आज़ाद करूं मन को इस कैद से, वही अंगार जो बार बार जहन में दहका है। एक बार जो फूल मुरझा चुके अमन, क्या पता दिल उसी महक में क्यों महका है। |
~~【{◆◆बेईमान◆◆}】~~ कहीं अल्लाह कहीं राम बन गया, मुद्दा अब ये सरेआम बन गया. सियासत के खेल नफरती देखो, शहर सारा श्मशान बन गया। एक दूसरे पे तोहमतें कितनी, हैवान का साला इंसान बन गया। पैसा हवस लालच में पड़कर, जिंदगी का सफ़र शैतान बन गया। जलाकर बस्तियां दावतें होती, हर मजहब ही कोहराम बन गया। यहाँ कौन समझे मोहब्बत अमन, जब दिल सबका बेईमान बन गया। |
ओही राहां ते ओही तक़दीर होवे, तेरी मोहब्बतां बिन मेरा गुजारा ना, हर जन्म ही तू मेरी रूह होवें, मेनू तेरे वरगा कोई प्यारा ना। |
~~【{◆◆कुछ पल◆◆}】~~ ना दिन और रात की बात है, जिंदगी तो कुछ पल की मुलाक़ात है. लाख जंजीरें पैदा होने से पहले, सुख दुख का परिंदा उड़ता एक साथ है। कौन कहाँ तक चलेगा सब तय है, अच्छा बुरा जो जिसका भी हालात है। सब लिहाजें काँच का बर्तन एक, टूटकर बिखरना ही इनकी औकात है। जीवन की राह आग से कम नहीं, ये भी एक पेड़ की जलती हुई शाख है। कर्म कांड क्या काम करेंगे अमन, जो जितना शातिर वही सबका बाप है। |
~~【{◆◆तेरे संग◆◆}】~~ खामोशी की दीवार गिरा दो तुम, आज मेरी जिंदगी बना दो तुम. खोल दो मोहब्बत के पन्नें सारे, इन एहसासों की बात सुना दो तुम. की सुकून है तेरी बाहों में बहुत, अपनी जुल्फ के साये सुला दो तुम। तेरे संग मेरा सफ़र है सुहाना बहुत, जिंदगी भर की मंजिल दिखा दो तुम। सावन भी बरसने को आया है आज, थोड़ा प्यार अब मुझपर बरसा दो तुम। अमन ने तो रखा है दिल में तुमको, ज़रा अपने दिल की तो बता दो तुम। |
निष्कर्ष
अधूरी मोहब्बत ग़ज़ल दिल के सबसे गहरे जज़्बात को छू लेती है। चाहे वह इंतज़ार हो, जुदाई हो या यादें – अधूरी मोहब्बत हमेशा दर्द और चाहत दोनों को साथ लेकर चलती है। अगर आप अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में ढूँढ रहे हैं तो “kHUDKIKALAM” की यह ग़ज़लें आपके लिए बिल्कुल सही हैं – आप अन्य हिंदी गजल पढ़ना पसंद करते है जैसे – धोखा देने वालों पर ग़ज़ल , विरह की ग़ज़ल , मोहब्बत का दर्द ग़ज़ल इत्यादि तो हमारी इस साइट से जुड़े रहे
FAQS :
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क्योंकि इसमें वो जज़्बात होते हैं जो अधूरी चाहत और बिछड़ने के दर्द को सबसे गहराई से बयां करते हैं।
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