बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है ? बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर दें अपनों को हार्दिक शुभकामनाएं

भारत देश त्योहारों का देश है। यहाँ पर सभी त्योहारों को विशेष रूप से मनाया जाता है। लोग अपनी परंपराओं और प्राचीन संस्कृतियों को अपने त्योहारों के जरिये जीवित रखते हैं। ऐसा ही एक पर्व है बुद्ध पूर्णिमा। जिसे हिन्दू और बौद्ध अनुयायी बहुत ही धूमधाम से मनाते है। आप भी बुद्ध पूर्णिमा के बारे में और जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढ़िए। चलिए जानते है क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा ? और क्यों है यह इतनी खास ? विस्तार से। साथ ही अपनों को भी भेजे बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं।  

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) – 

प्रत्येक माह में पूर्णिमा आती है। लेकिन वैशाख माह में जो पूर्णिमा आती है उसका विशेष महत्त्व है। क्योंकि इस दिन की पूर्णिमा को Buddha Purnima भी कहते हैं। बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहते है। इस दिन ही राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्म हुआ। सिद्धार्थ ही बाद में बुद्ध के रूप में जाने गए और उन्होंने बौद्ध धर्म स्थापित किया। ऐसा कह सकते है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म, उन्हें ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों ही हुए थे। इस कारण भी इस दिन का बहुत महत्व है। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। हिन्दू और बौद्ध धर्म के लोग इस पर्व को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाते है।

सिद्धार्थ कैसे बने महात्मा बुद्ध (How Siddhartha became Mahatma Buddha)- 

बुद्ध पूर्णिमा को अच्छे से जानने के लिए आपको सबसे पहले भगवान बुद्ध के जीवन को जानना चाहिए। उनकी जीवन की कहानी कुछ इस तरह है।

गौतम बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। उनका जन्म 563 ईसा पूर्व में लुम्बिनी में हुआ था। उनके पिता राजा शुद्धोधन और माता महामाया थी। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार राजकुमार सिद्धार्थ के जन्म से 12 वर्ष पहले ही एक ऋषि ने भविष्यवाणी की थी और कहा था कि यह बालक या तो एक सार्वभौमिक सम्राट बनेगा या फिर महान ऋषि बनेगा।    

राजघराने में पैदा होने के बावजूद भी 29 वर्ष की आयु में राजकुमार सिद्धार्थ ने अपने परिवार,पत्नी और पुत्र राहुल को त्याग दिया और ज्ञान प्राप्ति के लिए बोधगया चले गए। कहा जाता है की सत्य की खोज में वह सात सालों तक कठिन तपस्या करते हुए वन में भटकते रहे। वैशाख पूर्णिमा के दिन वह एक पीपल के पेड़ (बोधिवृक्ष) के नीचे बैठ गए। वही उन्हें बुद्धत्व ज्ञान प्राप्त हुआ। उसके बाद से ही राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुद्ध कहलाने लगे और उन्होंने अपने ज्ञान का प्रकाश पूरी दुनिया में फैलाया। कुशीनगर में वैशाख पूर्णिमा के दिन ही उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ। इसके बाद से ही उन्होंने ज्ञान का प्रचार करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपना सबसे पहला उपदेश सारनाथ में दिया। जिसे धर्मचक्र प्रवर्तन के नाम से जानते है। 

कहाँ कहाँ और किस तरह मनाया जाता है यह त्यौहार ? (Where and how is this festival celebrated) 

इस पर्व को कई देशों में मनाया जाता है जैसे – 

  • भारत
  • नेपाल 
  • चीन 
  • वियतनाम 
  • सिंगापुर 
  • थाइलैंड 
  • जापान 
  • कंबोडिया  
  • श्रीलंका
  • म्यांमार 
  • पाकिस्तान
  • इंडोनेशिया 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन भारत के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इस दिन को श्रीलंका व अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में  ‘वेसाक’ पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दिन बौद्ध अनुयायी अपने अपने घरों में दीपक जला कर घर को फूलों से सजाते हैं। साथ ही बौद्ध धर्म ग्रंथों का पाठ भी किया जाता है। 

ऐसा भी कहा जाता है की ज्ञान प्राप्ति के बाद खीर पीकर ही भगवान बुद्ध ने अपना व्रत खोला था। इसलिए इस दिन घरों में विशेष रूप से खीर बनाई जाती है। साथ ही भगवान बुद्ध को खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है। आज भी बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुशीनगर में हर साल मेला लगता है। जो एक महीने तक चलता है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया जाते है और वहां जाकर पूजा पाठ करते हैं। इस दिन बोधि वृक्ष की पूजा की जाती हैं। इस वृक्ष पर इत्र और दूध दोनों को मिलाकर जल भी चढ़ाया जाता है। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा पर करने चाहिए ये कार्य 

  • शास्त्रों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन पानी से भरा हुआ कलश दान करना चाहिए।  
  • इस दिन गौ दान का भी विशेष महत्व रहता है। 
  • घर में सत्यनारायण जी कथा करनी चाहिए।
  • इस दिन रात में माता लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करना चाहिए। इससे घर में धन की वृद्धि होती है। 
  • इस दिन गरीबों को खाना खिलाना चाहिए और उन्हें कपड़े दान करने चाहिए। 

Buddha Purnima Quotes In Hindi

  1. जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है। यदि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता। 
  2. जो व्यक्ति थोड़े में ही खुश रहता है, सबसे अधिक खुशी उसी के पास होती है। इसलिए आपके पास जितना है उसी में खुश रहिए।
  3. बुद्ध के अनुसार जंगली जानवर की अपेक्षा कपटी और दुष्ट मित्र से डरना चाहिए। जंगली जानवर आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचाता है।
  4. जिस तरह एक जलता हुआ दिया हजारों लोगों को रोशनी देता है, ठीक वैसे ही खुशियां बांटने से आपस में प्यार बढ़ता है। खुशियां बांटने से वह हमेशा बढ़ती हैं। कभी कम नहीं होती हैं। 
  5. भविष्य के बारे में सपने देखकर अभी से मत उलझो। भूतकाल के समय को याद करके पछताने से अच्छा है, अपने वर्तमान में खुश रहो। यही खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका है।  
  6. व्यक्ति कभी भी बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकता। इसे खत्म करने के लिए व्यक्ति को प्रेम का सहारा लेना ही पड़ता है। प्रेम से दुनिया की हर बड़ी चीजों को जीता जा सकता है। 
  7. हर दिन एक नया दिन होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था हर दिन का एक नया सवेरा एक नई उम्मीद लेकर पैदा होता है।

Buddha Purnima Wishes   

बुद्ध के ध्यान में मगन है,
सबके दिल में शांति का वास है
तभी तो ये बुद्ध पूर्णिमा
सबके लिए इतनी खास है,
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं।

बुद्धं शरणं गच्छामि। धम्मं शरणं गच्छामि।
संघं शरणं गच्छामि। बुद्धं शरणं गच्छामि।
बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

सुख, शांति और समाधान
श्रद्धा और अहिंसा के दूत को
आज तहे दिल से प्रणाम।
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं ।

सच का साथ देते रहो,
अच्छा सोचो, अच्छा कहो,
प्रेम की धारा बनके बहो,
आपके लिए बुद्ध जयंती शुभ हो,
बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

न हो द्वेष,
न हो क्लेश
न हो जीवन में कोई भी शक
भगवान बुद्ध दे आपको सुख, समृद्धि और शांति
आरंभ से अंत तक,
बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

बुद्ध पूर्णिमा किस महीने में आती है ? 

बुद्ध पूर्णिमा वैशाख माह यानी की अप्रैल और मई महीनों के बीच में आती है। 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?

बुद्ध पूर्णिमा के दिन लहसुन प्याज और मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन किस रंग के कपडे पहनने चाहिए?

इस दिन सफ़ेद रंग के कपडे पहनने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top