Ishq Gazal in Hindi

Ishq Gazal in Hindi : नई इश्क़ पर ग़ज़ल हिंदी में

इश्क़ ग़ज़ल मोहब्बत की वो धुन है जो हर दिल को छू लेती है। चाहे आप सूफी इश्क़ ग़ज़ल पढ़ें या रूहानी इश्क ग़ज़ल, हर शेर में सुकून मिलता है। कई बार दिल को गहराई से छूने वाली अधूरा इश्क़ ग़ज़ल मोहब्बत की तड़प बयां करती है तो वहीं रोमांटिक इश्क ग़ज़ल और सच्चा इश्क़ ग़ज़ल दिल में नई उमंग जगा देती है। मोहब्बत के जज़्बात को शब्दों में पिरोकर लिखी गई इश्क़ पर नज़्म भी बहुत लोकप्रिय है। अगर आप इश्क़ इबादत ग़ज़ल या इश्क़ ग़ज़ल दो लाइन ढूँढ रहे हैं तो यहाँ आपको हर अहसास से जुड़ी बेहतरीन Ishq Gazal in Hindi पढ़ने को मिलेंगी।

~~【{◆◆मौसम◆◆}】~~



दिल की खामोशी दर्द बता नही पाती,
यादों का आसमान काला ही काला है.

अश्क़ों से आँख चुप चाप बतया लेती,
यही हुनर पलकों ने भी अलग पाला है।

अपने होकर अपनों को समझ ना पाते,
इन मुस्कराहटों ने दूर तक जाल डाला है।

क्या पता कौनसा वार है किसीके हाथ,
नाजाने कौनसा खंजर जान लेने वाला है।

चाहकर भी नही बच सकते हैं लोगों से,
इन लोगों का हुनर ही सबसे निराला है।

मोहब्बत और रिश्ते देखकर उगा अमन,
यहाँ तो हर रास्ते मौसम बदलने वाला है।

~~【{◆◆कौन देगा◆◆}】~~



दिल हो बेईमान वफ़ाएं कौन देगा,
कातिलों के शहर में दुआएं कौन देगा.

ये दुनिया तो आग का गोला है दोस्त,
पीने को पानी बुझाने को हवाएं कौन देगा।

जब हुस्न खुद फिरे नग्न होकर यहाँ,
वो चेहरे पे मासूमियत,अदाएं कौन देगा।

मोबाइल खा गया है बचपन और ममता,
गोद में उठाकर लोरी और बलाएं कौन देगा।

पीपल और नीम खुद होगये हैं पतझड़,
सतरंगी पींग और सावन की घटाएं कौन देगा।

हर कोई शक और रंजिश लिए है मन में,
तेरे ज़ख्मी दिल को अमन दवाएं कौन देगा।

~~【{◆◆काहे का◆◆}】~~


काहे का रह गया प्यार अब,
ये दिल दुख का बंजारा है.

यहाँ पाक मोहब्बत कोई ना,
हर कोई तन्हाई का मारा है।

बड़े बने बैठे हैं जिगरी जो,
उन्होंने ही तो खंजर उतारा है।

किसी हद तक करलो यकीन,
हर ख़्वाब टूटा हुआ तारा है।

अब खुशी मिलती नही एक से,
कितनों का इधर उधर गुजारा है।

तेरी दिल्लगी भी नही काम की है,
तू आज भी अमन बिखरा किनारा है।

~~【{◆◆फ़रमान◆◆}】~~



शांति के लिए अगर ज्ञान जरूरी है,
इतिहास बदलने को अभियान जरूरी है.

मन बहलाने के लिए नही उड़ते परिंदे,
दुनिया को झुकाने के लिए आसमान जरूरी है।

कई बार बात नही बनती किसी बात से,
वक़्त पड़ने पे दुश्मन को देना नुकसान जरूरी है।

हद से बढ़ती है बात तो बढ़ जाने दो,
लड़ने के लिए तो होना जिगरा चट्टान जरूरी है।

क्यों करें बर्दाश्त आतंक हम अपने देश में,
इस बार तो आर पार आना फ़रमान जरूरी है।

मतभेद चाहे मन में हों आपसी वतन के,
हर मसले से पहले हमें अमन हिंदुस्तान जरूरी है।

~~【{◆◆क्या कहें◆◆}】~~


क्या कहें इस तकरार पर,
दिल जल गया है अंगार पर.

दो पल की मोहब्बत दर्द बनी,
होगयी है तन्हाई की हद पार पर।

दिल खिलौना है एहसासों का,
नाचता रहता है तलवार पर।

कहा सुनी बन गई है ज़ख्म अब,
रोके से ना रुकते शब्दों के वार पर।

एक बार किरदार पे होजाये शक,
बदल जाता है नजरों का व्यवहार पर।

रिश्तों नातों से अलग होगया है मन,
जिंदगी का ना रुके अमन कारोबार पर।

~~【{◆◆अब कौनसा◆◆}】~~



किसको अपना हकदार कहें,
हर तरफ़ खिलाड़ी पक्के हैं.

क्या करना ऐतबार किसी पर,
अब तो अकेले ही अच्छे हैं।

मीठी बातों की मिसरी मुँह में,
दिल किसके रह गए सच्चे हैं।

क्या करेंगे ये जो हैं कसमें वादे,
ज्यादातर लोग जुबान के कच्चे हैं।

कुछ दिन बाद रंग दिख जाता,
इस राह पर धक्के ही धक्के हैं।

दिल टूट गया तो आगे बढ़ जा,
अब कौनसा अमन हम बच्चे हैं।

~~【{◆◆बहुत सी◆◆}】~~


जिंदगी गुमनाम है नाम नही बनता,
दिनभर भागदौड़ है काम नही बनता.

ये जिम्मेदारी जो रहती है सांसों पर,
कदम बढ़ते जाते हैं मुकाम नही बनता।

बहुत सी तकलीफें लिए फिरता जिस्म,
पैसों की तिजौरी से आराम नही बनता।

आँखों में धूल बन जाती है ख्वाबों की,
सोच रखे महल पर मकान नही बनता।

बहुत सी चोटें है रिश्तों और मोहब्बत में,
ज़ख्म दिल पे बहुत हैं निशान नही बनता।

ज़रा सी बुलंदियों पे क्या इतराना अमन,
थोड़े पंख फैलाने से आसमान नही बनता।

~~【{◆◆क्या करें◆◆}】~~


काहे का रह गया प्यार अब,
दिल तन्हाई का साया है.

क्या करें गुजरी हुई यादों को,
नाम लिखा और नाम मिटाया है।

बेचैनी का सावन है सर पर,
अश्क़ों में दिन को बिताया है।

क्या करेंगे उसकी तस्वीर को,
जब जब देखा मन को रुलाया है।

इश्क़ के रंग में रंगकर खुदको,
हमने जिंदगी को बेरंग बनाया है।

आजकल चाहत वो फूल है अमन,
जो एक दिन मुरझाया ही मुरझाया है।

~~【{◆◆ज़रा समझो◆◆}】~~


आग दिल की बुझा लेते,
नजर जो हमसे मिला लेते.

ये मुँह फेरना तो तौहीन है,
इससे अच्छा ज़रा मुस्करा लेते।

थोड़ा दीदार का मौका देकर,
कोई तो नजर हम पर घुमा लेते।

आवारगी नही है मोहब्बत मेरी,
क्या पता दिल से दिल को चुरा लेते।

युहीं तो शुरू होती है कहानी नई,
बिना कुछ कहे ही कोई बात बना लेते।

ज़रा समझो तो अमन हालत मन की,
अपनी चाहत के साये तुमको बैठा लेते।

निष्कर्ष :

इश्क़ ग़ज़ल मोहब्बत का सबसे ख़ूबसूरत रूप है, जिसमें अधूरापन भी है और रूहानी सुकून भी। चाहे सच्चा इश्क़ ग़ज़ल हो या रोमांटिक नज़्म, ये दिल को छू लेने वाले जज़्बात हर किसी के दिल में बस जाते हैं – आपको अन्य हिंदी गजल जैसे – मोहब्बत की ग़ज़ल और हिंदी शायरी पढ़ने में दिलचस्पी है तो आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहे

FAQS :

इश्क़ ग़ज़ल क्या होती है?

इश्क़ ग़ज़ल मोहब्बत, दर्द, और रूहानी एहसास को शब्दों में पिरोकर लिखी गई शायरी होती है।

सूफी इश्क़ ग़ज़ल किस तरह की होती है?

सूफी इश्क़ ग़ज़ल में मोहब्बत को ईश्वर और रूहानी इबादत से जोड़ा जाता है।

क्या इश्क़ पर नज़्म और ग़ज़ल में फर्क होता है?

जी हाँ, नज़्म एक पूरी कविता होती है जबकि ग़ज़ल दो-दो शेरों (मिसरों) के रूप में लिखी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top