mohabbat dard bhari ghazal in hindi

मोहब्बत का दर्द गजल हिंदी शायरी : Mohabbat Dard Bhari Ghazal in indi

स्वागत है आपका हमारे इस दर्द भरी हिंदी गजल के पेज पर हम इस पेज पर आपके लिए 10 बेहतरीन दर्द भरी महबत पर गजल लेकर आये है। जिस से आप अपने दर्द को आवाज और लफ्ज दे पाएंगे मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल इन हिंदी हमेशा दिल को छू लेने वाली होती है। जब कोई अपनी अधूरी मोहब्बत को शायरी और अल्फ़ाज़ में बयां करता है, तो वह एक दर्द भरी ग़ज़ल हिंदी में लिखी हुई बन जाती है। लोग इसे अक्सर मोहब्बत ग़ज़ल हिंदी शायरी , दर्द भरी शायरी दो लाइन या सच्ची मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल के नाम से जानते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर भी सुपरहिट दर्द भरी ग़ज़ल हिंदी खूब शेयर की जाती है। कई बार यह ग़ज़लें टूटी मोहब्बत का एहसास कराती हैं और दर्द भरे दिल पर ग़ज़ल का असर और गहरा हो जाता है। जो प्यार अधूरा रह जाता है, वही अक्सर अधूरी मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल का रूप ले लेता है।

मोहब्बत का दर्द ग़ज़ल पंजाबी : सुपरहिट दर्द भरी मोहबत की गजल हिंदी


लखां फूल हथां विच ही रुल जांदे ने,
ते यारी ला के कीने ही हुन भुल जांदे ने.

ऐदां ही चली आजकल हवा मस्ती दी,
थां थां ते जा के आशिक़ किसे ते डुल जांदे ने।

बेशर्म जे हो हुंदे ने इजहार हर इक नु,
पता नही किवें मुँहां दे संगल खुल जांदे ने।

प्यार विच वी ना रहा विस्वास किसे ते,
दिलों अपना कह जिस्मां दे ला मुल जांदे ने।

बड़े ओखे हुन इश्क़ दे राह ते सुख मिलने,
बस दरदां दे विच ही कम्बदे रह बुल जांदे ने।

खा खा के वफ़ा दियां कसमां ते वादे अमन,
कसमां वाले ही होर दियां बाहां झुल जांदे ने।

~~【{◆◆हम भी◆◆}】~~


दिल के दर्द से खबरदार होते,
तो दिन हमारे भी ना बेकार होते.

ना करते बर्बादी इस वक़्त की,
चाहत के सफर में ना सवार होते।

तन्हाई के आँगन ना सोये रहते,
दिल के कोने जो समझदार होते।

ना बहते आँख से अश्क हमारे,
अगर हमको ना शोंक बहार होते।

हम भी मुस्कराते खुलकर रोज,
जिंदगी में ना ये दुख हजार होते।

बच जाते दिल्लगी से ग़र अमन,
तो हम भी बहुत असरदार होते।

~~【{◆◆वही बात◆◆}】~~


इश्क़ में वो कमाल करते रहे,
वही बात हर साल करते रहे.

लगके मेरे सीने से वो हर बार,
मेरा दिल से खयाल करते रहे।

गुफ्तगू मीठी बातों की करके,
लवों से लव सुरताल करते रहे।

मेरी हर दीवानगी को सहकर,
प्यार हमें बेमिशाल करते रहे।

नाजाने क्या नशा हुआ उनको,
दिल्लगी के सवाल करते रहे।

उनकी चाहत ना पूछो अमन,
ज़िंदगी को निहाल करते रहे।

~~【{◆◆जिंदगी दे दिन◆◆}】~~


जिंदगी दे दिन लाश होगये,
कुज बाकी ने कुज राख होगये,
तेरे इश्क दा पल्ला फड़के नी,
असी जिंदगी तो हताश होगये.

फूल महकदा कदे गुलाब दे सी,
खुल्ले बहते दरिया पंजाब दे सी,
हुन बैठ गए गमां दे पिंजरे विच,
की मसले ने साड्डे साथ होगये।

ऐ भोला दिल काबू तू किता,
आपने हुस्ना दे विच सी दित्ता,
कैद हो के तेरियां बाहाँ दे विच,
सुन्ने सिवियां दी ख़ाक होगये।

तेरियां मीठीयां बातां दे विच,
नशीले जोबन मुलाकातां दे विच,
खो गए ने अमन उम्रां दे हासे,
कांटो पे गिरती बरसात होगये।

~~【{◆◆एक बार◆◆}】~~


कभी तो आओ बहारों की तरह,
यूँ ना दिल दुखाओ हज़ारों की तरह.

हम भी तेरे इश्क़ के आँगन में बैठे हैं,
कभी हमको भी देखो नजारों की तरह।

उठा लो पर्दा खोलदो तुम चाहत को,
क्यों तन के खड़ी हो तलवारों की तरह।

कब तक रहेंगी ये जुदाईयां मिलन की,
क्यों दे रखी है सज़ा गुनहगारों की तरह।

सूना सूना कर रखा मेरी निगाहों को,
करदो रौशन शहर के बाजारों की तरह।

एक बार सीने से लगाके देख तू मुझे,
हम भी करते हैं असर औजारों की तरह।

~~【{◆◆क्या से क्या◆◆}】


दुनिया क्या से क्या हुये जा रही,
ऊंचाईयां बेहूदगी की छुये जा रही.

नफरत भी आतंक भी हैवानियत भी है,
अपनी ही बर्बादियों को किये जा रही।

सदियों से ना मिला इसे राह सब्र का,
दिखावे की जिंदगी शुरू से जिये जा रही।

नाजाने क्या नशा है दौलत शौहरत का,
लहू कमजोर का बेहद है पिये जा रही है।

उलझी है खुद की बनाई सरहदी लकीरों में,
ख्वाब आसमान पे काबू पाने के लिये जा रही।

नही बर्दाश्त इसे कोई सही आवाज़ उठाए,
हर दौर अमन ये सच की जुबान सिये जा रही।

~~【{◆◆ज्यादातर◆◆}】~~


कहीं मोहब्बत तो कहीं अंधेरा है,
हर कोई दुनिया में ज़हरीला सपेरा है.

किसी किसी में दिखे इंसानियत,
ज्यादातर को तो हैवानियत ने घेरा है।

शराफ़त के नक़ाब हैं कमीने लोगों पे,
मन के अंदर हर दिन शैतान का फेरा है।

दुनिया को मतलब रह गया जेबों से,
जेब खाली है तो कौन यहाँ मेरा तेरा है।

दूल्हे की तरह आते हैं एहसान जताने,
मदद करने वाला भी बन गया लुटेरा है।

खुदको खाली तसल्ली दे लेते हैं अमन,
अक्सर कहते काली रात के बाद सवेरा है।

~~【{◆◆जो भी था◆◆}】~~


वो सफर बड़ा अजीब था,
तू दूर था न करीब था.

कैसी ये मुलाक़ात रह गई,
क्या पता क्या नसीब था।

चाहकर भी ना बात हुई,
फांसला बड़ा नजदीक था।

तेरी तल्ख़ मिजाजी में,
मेरा दिल बदनसीब था।

चुपचाप बह गए अश्क मेरे,
तेरा प्यार ही मेरी रीझ था।

जो भी था अच्छा था अमन,
वो दिन ही बड़ा खुशनसीब था।

~~【{◆◆ठाठ◆◆}】~~


क्या अंत है क्या शुरुआत है,
बस तेरे से अपनी बात है.

ये बहती नदियों सी जिंदगी,
तेरे लिए ही तो बेताब है।

यहाँ नस्लें बहुत हैं फूलों की,
तेरी महक कुछ ख़ास है।

तेरी तस्वीर से शुरू दिन मेरा,
तेरे खयालों से मेरी रात है।

जो प्यार है दिल में तेरे लिए,
वो रूहानी इक बरसात है।

मेरी ज़िंदगी सफ़ल होगयी,
कदम कदम जो तू साथ है।

आ करें शुकराना रब का हम
तेरे संग ही अमन की ठाठ है।

~~【{◆◆इस तरह से◆◆}】~~


तुमको बार बार हमने याद किया है,
इस तरह से हमने दिल आबाद किया है.

छेड़ी है तेरे संग गुजरी मोहब्बत जो,
अकेले बैठ यही पल तो ईजाद किया है।

तेरे हुस्न की ताजगी रौशन तेरे चेहरे पे,
हमने भी इस रौशनी में खुद पे नाज किया है।

तेरी आवाज़ जगाती है मेरी रूह को,
बाकी दुनिया को मैंने नजरअंदाज किया है।

क्या बयां करूँ मैं तेरे इंतज़ार का नशा,
इस दिल ने तुमसे मिलने का ही राग किया है।

तेरी चाहत का असर मत पूछ मेरी जान,
अमन की जिंदगी पे सिर्फ तुमने राज किया है।

निष्कर्ष :

मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल इन हिंदी सिर्फ शायरी नहीं, बल्कि अधूरी मोहब्बत का आईना है। इसमें सच्चे जज़्बात, दर्द और यादें हमेशा ज़िंदा रहती हैं, आपको हमारी ये दर्द भरी मोहबत के लिए हिंदी गजल अच्छी लगी तो आप शेर करना न भूले अन्य हिंदी और उर्दू गजल के लिए जैसे – चाहत की ग़ज़ल , मोहब्बत में धोखा ग़ज़ल इत्यादि पढ़ने केलिए हम से जुड़े रहे

FAQS :

मोहब्बत दर्द भरी ग़ज़ल क्यों दिल को छू लेती है?

क्योंकि ये ग़ज़लें अधूरी चाहत और सच्ची मोहब्बत के जज़्बात को बयां करती हैं।

क्या अधूरी मोहब्बत पर दर्द भरी ग़ज़ल लिखी जा सकती है?

हाँ, अक्सर अधूरी मोहब्बत ही सबसे गहरी और असरदार ग़ज़ल बन जाती है।

सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली ग़ज़ल कौन-सी होती है?

सच्ची मोहब्बत और दर्द भरे दिल की ग़ज़लें हमेशा लोकप्रिय रहती हैं।

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